वीडियो जानकारी:
संवाद सत्संग
२६ सितम्बर, २०१३
बी.बी.डी.आई.टी, ग़ाज़ियाबाद
प्रसंग:
संकोच माने क्या?
संकोच क्यों होती है?
किसी खास लोगो के पास ही संकोच क्यों होती है?
संकोच न होने का क्या ये मतलब है कि कुछ भी कर सकते है, कुछ भी बोल सकते है?
संकोच से मुक्ति कैसे पाए?