पौराणिक कथाओं के मुताबिक, देवी पार्वती शिव जी से विवाह करना चाहती थीं, लेकिन तपस्या में लीन शिव जी का ध्यान उनकी ओर नहीं गया. पार्वती की इन कोशिशों को देखकर प्रेम के देवता कामदेव आगे आए और उन्होंने शिव पर पुष्प बाण चला दिया, जिसके कारण शिव की तपस्या भंग हो गई. तपस्या भंग होने की वजह से शिव नाराज हो गए और उन्होंने अपनी तीसरी आंख खोल दी और उनके क्रोध की अग्नि से कामदेव भस्म हो गए.