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Shiv Panchakshar Stotra

2023-08-12 46 Dailymotion

Shiv Panchakshar Stotra | शिव पंचाक्षर स्तोत्र | Nagendra Haraya Trilochanaya @LordKrishnabhajanKKB
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माना जाता है कि सृष्टि का नियंत्रण महादेव के हाथों में है। शिवभक्त सावन ही नहीं बल्कि पूरे साल प्रभु की पूजा अर्चना करते हैं। भगवान नीलकंठ को प्रसन्न करने के लिए शिव पंचाक्षर मंत्र और शिव पंचाक्षर स्तोत्र का जप किया जाता है।

शास्त्रों में भोलेनाथ की उपासना के लिए पांच अक्षर बताए गए हैं और ये पांच अक्षर हैं न, म, शि, व, य जिन्हें मिलाकर बनता है नमः शिवाय। सृष्टि पांच तत्वों से मिलकर बनी है - पृथ्वी, अग्नि, जल, आकाश और वायु। शिव के पंचाक्षर मंत्र से सृष्टि के पांचों तत्व नियंत्रित होते हैं। 'ओम नमः शिवाय' सबसे पहला मंत्र है जिसकी उत्पत्ति मानव जाति के कल्याण के लिए की गई थी। जिस प्रकार सभी देवताओं में देवाधिदेव महादेव सर्वश्रेष्ठ हैं, उसी प्रकार भगवान शिव का पंचाक्षर मंत्र ‘नमः शिवाय' श्रेष्ठ है।

पंचाक्षर मंत्र अल्पाक्षर तथा अति सूक्ष्म है मगर इसमें अनेक अर्थ समाये हुए हैं। यह मंत्र समस्त वेदों का सार है। यह मंत्र मुक्ति और मोक्ष देने वाला है। इस मंत्र से कई प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। इस मंत्र के प्रभाव से साधक को लौकिक, पारलौकिक सुख, इच्छित फल तथा पुरुषार्थ की प्राप्ति हो जाती है। इस मंत्र के श्रद्धापूर्वक जाप से ही मनुष्य को पापों से मुक्ति मिल जाती है। पंचाक्षर मंत्र से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।

श्रीशिव पंचाक्षर स्तोत्र के पांचों श्लोकों में क्रमशः न, म, शि, वा और य अर्थात् ‘नम: शिवाय' है, अत: यह स्तोत्र शिवस्वरूप का वर्णन करता है। शिव पंचाक्षर स्तोत्र भगवान शिव की स्तुति के लिए लिखा गया है। इसमें भगवान भोलेनाथ के स्वरूप तथा उनके गुणों का बखान किया गया है। इसके साथ ही शिवजी की वंदना की गई है।