भारतीय सामान पर 50 फीसदी टैरिफ लगाए जाने के ट्रंप प्रशासन के फैसले के बाद तमिलनाडु के तूतीकोरिन बंदरगाह पर निर्यातक परेशान हैं. उनके मुताबिक अमेरिकी प्रशासन के फैसले से बंदरगाह पर छह हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का सामान रुका हुआ है, जिससे उनके लगभग 40 फीसदी व्यापार पर असर पड़ रहा है.
निर्यातकों का कहना है कि उनके अमेरिकी ग्राहक उन पर दबाव डाल रहे हैं कि या तो वे कीमतें कम करें या फिर आयात शुल्क बढ़ोतरी को खुद ही झेलें। उनके मुताबिक इससे उनका कारोबार पूरी तरह से बंद हो जाएगा. निर्यातकों को डर है कि कहीं उनके ऑर्डर उन देशों को न मिल जाएं जो उनके जैसे उत्पादों को कम कीमत पर बेच रहे हैं.
बंदरगाह से हर महीने लगभग 1,500 कंटेनर अमेरिका भेजे जाते हैं. इनमें दक्षिण भारत से तैयार रेडीमेड गारमेंट्स, सी-फूड, काजू, चावल और कई तरह के किराने के सामान शामिल हैं. निर्यातकों का कहना है कि अगर भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर जारी गतिरोध जल्द खत्म नहीं हुआ तो वे न सिर्फ अमेरिकी बाजार में अपनी पैठ को खो देंगे बल्कि बड़ी संख्या में लोगों की रोजीरोटी भी खतरे में पड़ जाएगी.