गीता का सच – एक श्लोक जो जीवन बदल देगा | Bhagavad Gita Slok 2.47 Explained
गीता का सच – जीवन बदलने वाला श्लोक
श्लोक 2.47:
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
अर्थ:
तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, फल पर कभी नहीं।
इसका संदेश है कि हमें निःस्वार्थ भाव से अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।
फल की चिंता भगवान पर छोड़ दो, क्योंकि वही उचित समय पर सही परिणाम देते हैं।
यह श्लोक हर उस इंसान के लिए प्रेरणा है जो संघर्ष और चिंता से जूझ रहा है।
जैसे GPS हमें सही दिशा दिखाता है, वैसे ही भगवद गीता जीवन को सही राह पर ले जाती है।
🙏 इस दिव्य ज्ञान को अपनाएँ और जीवन को सरल, शांत और सार्थक बनाएँ।
जय श्रीकृष्ण!
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