Q : जब अपने घर में होता हूँ तो विचार का प्रवाह चलता है| कहीं भी चला जाऊं, तो विचार कम हो जाते हैं और होश बन जाती है और साधना कर पाता हूँ पर घर पर ऐसा संभव नही हो पाता! A: ऐसी क्या बात हो गयी कि आपका ध्यान बाहर तो लगता है लेकिन घर में नही लगता है| घर में ऐसी क्यो दिक्कत हो गयी? और अगर बाहर रहने से मन टिकता है विचार कम होते हैं तो कुछ दिन यूँ ही सही| कुछ दिन घर से बाहर रह कर देख लीजिए, पर सच तो ये है कि अगर आपको मन लगाना आ गया है तो कहीं भी रहो, घर के बाहर कि जॅंगल में रहो या बस्ती में रहो, जहाँ भी रहो मस्ती से रहो और अगर घर और जॅंगल में फ़र्क बना हुआ है तो इसका मतलब अभी मन में फ़र्क बना हुआ है द्वेत भाव अभी मन में आपके चला है| Visit http://www.gurumaa.com for more videos